सेबी: सेबी क्या है,सेबी का उद्देश्य और सेबी का ढाँचा
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सेबी एक ऐसी संस्थान है जिसका काम प्रमुख काम स्टॉक मार्किट में नकेल कसना है | सेबी का फुल फॉर्म भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड जिसका काम भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक के लिए जिम्मेदार हैं |
इस लेख के जरिये आप जानेंगे कि
- सेबी क्या है
- सेबी का फुल फॉर्म क्या है
- सेबी की स्थापना कब हुई
- वर्तमान सेबी प्रमुख
- सेबी का उद्देश्य
- सेबी का ढाँचा
सेबी का फुल फॉर्म क्या है:
सेबी का फुल फॉर्म भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड हैं |
सेबी की स्थापना कब हुई:
१९८८ में भारत सरकार ने सेबी का गठन किया था | लेकिन सेबी को संवैधानिक दर्जा १९९२ में मिला , सेबी अधिनियम १९९२ के पारित होने के बाद | सेबी का मुख्यालय मुंबई में है और इसके क्षेत्रीय कार्यालय दूसरे बड़े शहर जैसे की दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में है |
वर्तमान सेबी प्रमुख : सेबी के वर्तमान प्रमुख अजय त्यागी है, इन्होंने १० जनवरी २०१७ में उपेंद्र सिन्हा से प्रभार संभाला था |
सेबी का उद्देश्य: सेबी के स्थापना के पीछे निम्नलिखित उद्देश्य हैं
आम निवेशकों का हितों की रक्षा करना:
सेबी की स्थापना के पीछे एक मुख्य कारण यह था की छोटे और आम निवेशकों का हितो की रक्षा हो | कई बार बड़े निवेशक जैसे की बैंक, हाई नेटवर्थ इंडिवीडुअल्स या फिर घरेलू संस्थागत निवेशक बड़ा पैसा बनाने के लिए कई बार गलत रास्ता चुनते है | ऐसे में आम निवेशकों का हित आहत होता है इसको मद्देनज़र रखते हुए सरकार ने सेबी का गठन किया | निवेशक सेबी के पास अपनी निवेश से जुड़ी शिकायत ले के भी जा सकते है |
पूँजी बाजार को विकसित करना में मदद करना:
किसी भी औद्योगिक क्रिया को सामान्य रूप से चलाने के लिए कंपनियां और उद्योग को पूँजी की जरुरत पड़ती है | पूँजी का इंतज़ाम लोन के रूप में किया जाता है | यह लोन कम अवधि या फिर ज्यादा अवधि के लिए होते है | सेबी का एक काम यह भी है कि पूँजी बाजार को ऐसे विकसित करना जिससे किसी भी कंपनी को आसानी से लोन या पूँजी मिल जाएं |
शेयर बाजार के सभी जरूरी अंगों सुचारु रूप से सेबी के अधीन लाना:
शेयर बाजार को चलने के लिए कई सारे संस्थानों एवं लोगो की जरुरत पड़ती है | इनमें से प्रमुख हैं - कंपनियां, निवेशक, ब्रोकर, दलाल, कंपनियों के निवेशक इतियादी | सेबी की कोशिश होती है की ऐसे संस्थानों को और लोगो को सेबी की नियम के दायरे में लाना ताकि किसी भी निवेशक के हितो की रक्षा हो सके |
शेयर बाजार में कोई भी अनैतिक व्यापार या गति-विधि को रोकना
सेबी शेयर बाजार में किसी भी तरह के अनैतिक व्यापार को पता लगता है और अनैतिक व्यापार के रोकथाम के लिए नियम बनता है | यदि कोई कंपनी किसी भी गलत गतिविधि में लीन है तो सेबी उसमे में भी हस्तक्षेप करता है |
इनसाइडर ट्रेडिंग की रोकथाम:
इनसाइडर ट्रेडिंग एक ऐसा अनैतिक शेयर मार्किट गतिविधि जहाँ पे किसी कंपनी का अधिकारी अपने जान पहचान के व्यक्ति को ऐसी कोई कंपनी से सम्बंधित खबर दे देता है, जो अगले कुछ दिन में मार्किट में आएगा | ऐसी स्तिथि में जान पहचान का व्यक्ति पहले से ही कंपनी का शेयर्स खरीद कर सकता है और फिर ठीक समय में बेच सकता है ताकि काफी मुनाफ़ा बना सके | इस तरह के गतिविधि की रोकथाम में सेबी का काफी बड़ा रोले है
म्यूच्यूअल फण्ड और ऐस.आई.पी जैसे अन्य वित्त रत्नो का पंजीकरण:
भारत कई सारे फंड हाउस हैं, जो नए नए म्यूच्यूअल फंड्स और उसके प्रकार लाते है | ऐसे में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऐसे सरे फंड्स का पंजीकरण हो और वह सारे फंड्स पहले से परिभाषित मानकों पे खरे उतरे |
प्रतिभूति बाजार से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करना:
सेबी का एक और प्रमुख काम है की प्रतिभूति बाजार से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करना इसके लिए सेबी समय समय पे कई सारे प्रोग्राम्स का आयोजन करता है |
सेबी का ढाँचा:
सेबी में कुल ६५० से ज्यादा लोग कार्यरत है जबकि सेबी का बोर्ड में कुल ७ लोग कार्यरत है |
सेबी का बोर्ड में कुल ७ लोग कार्यरत है
- एक चेयरमैन
- ३ फुल टाइम मेंबर्स
- ३ पार्ट टाइम मेंबर्स
१० जनवरी २०१७ को अजय त्यागी को सेबी का चेयरमैन नियुक्त किया गया |
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(नोट : कृपया निवेश और शेयरों के व्यापार करने से पहले खुद एक बार रिसर्च कर ले क्यूँकि यहाँ पे जो भी जानकारी है वह सिर्फ जानकारी के लिए है और सिर्फ उसी के आधार पे निवेश या फिर शेयर व्यापार करना सही नहीं होगा|)