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भारत में स्टॉक मार्केट का समय - खुलने और बंद होने का समय

Created :  Author :  Samco Securities Category :  , Basics of stock market, Everything about Investing

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यदि आप शेयर बाज़ार में प्रवेश करना चाहते हैं या इसमें रुचि रखते हैं तो आपको सबसे पहले शेयर बाज़ार के समयके बारे में पता होना चाहिए। इसलिए, यदि आप उनमें से एक हैं, तो आप भारत में शेयर बाज़ार के समय के बारे में सबसे अच्छी और प्रामाणिक जानकारी हासिल करने के लिए सही मंच पर हैं। भारतीय शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग दिन के कुछ तय समय में ही की जा सकती है। इसके अलावा, सभी खुदरा ग्राहकों को ब्रोकरेज एजेंसी के ज़रिये शेयर बाज़ार खुलने के समय के अनुसार ट्रांजैक्शन करना चाहिए जो है सुबह 9:15 बजे। सप्ताह के दिनों में शेयर बाज़ार बंद होने का समय अपराह्न 3:30 बजे है, इसलिए यह ध्यान रखना चाहिए कि ट्रांजैक्शन इस समय तक पूरा हो जाना चाहिए। अधिकांश इच्छुक निवेशक अपने संसाधनों को उन सिक्योरिटी की खरीद या बिक्री में लगाते हैं जो भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं और ये हैं National Stock Exchange [NSE]और Bombay Stock Exchange [BSE]. देश में दोनों राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज बाज़ार का समय समान है। अधिकांश इच्छुक निवेशक अपने संसाधनों को उन सिक्योरिटी की खरीद या बिक्री में लगाते हैं जो भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं और ये हैं राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज [NSE] और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज [BSE]. देश में दोनों राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज बाज़ार का समय समान है।

भारत में शेयर बाज़ार का कारोबारी समय

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज बाज़ार को तीन प्रमुख उपश्रेणियों में विभाजित किया गया है। वे इस प्रकार हैं:

प्री-ओपनिंग टाइम

प्री-ओपनिंग सत्र सुबह 9:00 बजे शुरू होता है और 9:15 बजे तक चलता है। किसी भी तरह की सिक्योरिटी के ऑर्डर, बिक्री या खरीदारी इसी दौरान की जा सकती है। अब प्री-ओपनिंग टाइम को तीन कैटेगरी में बांटा जा सकता है। इस सत्र के दौरान, किसी भी ट्रांजैक्शन के लिए ऑर्डर किए जा सकते हैं। ट्रेडिंग शुरू होने पर एंट्री के आधार पर ऑर्डर को वरीयता दी जाती है। सत्र के दौरान ज़रुरत के अनुसार ऑर्डर को रद्द या बदला जा सकता है। इसके अलावा, प्री-ओपनिंग सत्र के दौरान इस अवधि के बाद कोई ऑर्डर नहीं दिया जा सकता है। भारतीय शेयर बाज़ार में यह सत्र सिक्योरिटी के लिए कीमतें निर्धारित करता है। प्राइस मैचिंग संबंधित सप्लाय और डिमांड वाली कीमतों के आधार पर की जाती है ताकि यह तय किया जा सके कि उन निवेशकों के बीच पर्याप्त ट्रांजैक्शन किया जाता है जो सिक्योरिटी बेचना या खरीदना चाहते हैं। कीमत का निर्धारण जिस पर भारतीय शेयर बाज़ार के समय के दौरान ट्रेडिंग शुरू होगी, वह बहुपक्षीय ऑर्डर मैचिंग प्रणाली के ज़रिये किया जाता है। ध्यान रखना चाहिए कि पहले से दिए गए किसी भी ऑर्डर में संशोधन इस सत्र में नहीं हो सकता है। इस सत्र को भारतीय शेयर बाज़ार के सामान्य समय और प्री-ओपनिंग के बीच का संक्रमण काल माना जाता है। इस अवधि के दौरान कोई अतिरिक्त ऑर्डर समायोजित नहीं किया जा सकता है और साथ ही मौजूदा बिड को भी रद्द नहीं किया जा सकता है।

सामान्य सत्र

यह प्राथमिक भारतीय शेयर बाज़ार का समय माना जाता है जो सुबह 9.15 बजे से अपराह्न 3.30 बजे तक का समय होता है। इस दौरान किए गए ट्रांजैक्शन ऑर्डर मैचिंग प्रणाली का पालन करते हैं जहां सप्लाय और डिमांड के तत्वों के ज़रिये मूल्य निर्धारण किया जाता है। द्विपक्षीय ऑर्डर मैच अस्थिर होते हैं और उतार-चढ़ाव ला सकते हैं। अस्थिरता पर काबू पाने के लिए प्री-ओपनिंग सत्र के लिए मल्टी-ऑर्डर सिस्टम शुरू किया गया था और भारतीय शेयर बाज़ार में इसका इस्तेमाल किया गया था।

क्लोज़िंग के बाद का सत्र

अपराह्न 3:30 बजे भारत में शेयर बाज़ार बंद होने का समय होता है। ध्यान रखना चाहिए कि इस सत्र के बाद बाज़ार में कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता है। लेकिन क्लोज़िंग प्राइस का निर्धारण इसी दौरान किया जा सकता है जिसकी अगले दिन के शुरुआती सिक्योरिटी मूल्य के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

भारत में शेयर बाज़ार बंद होने का समय

भारत में शेयर बाज़ार के बंद होने के समय को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। तो आइए उन पर एक नज़र डालते हैं। यह इस प्रकार है: समापन सत्र के दौरान, स्टॉक एक्सचेंज में दोपहर अपराह्न 3 से 3:30 बजे तक सिक्योरिटी ट्रेडिंग में कीमतों के औसत का उपयोग कर क्लोज़िंग प्राइस निर्धारित किया जाता है। एसएंडपी ऑटो, सेंसेक्स, निफ्टी आदि जैसे सूचकांकों के क्लोज़िंग प्राइस को निर्धारित करने के लिए सूचीबद्ध सिक्योरिटी के वेटेड औसत मूल्यों को ध्यान में रखा जाता है। इस अवधि को शेयर बाज़ार के बंद होने का समय माना जाता है जब अगले दिनों के लिए बिड किया जा सकता है। बाज़ार में पर्याप्त खरीदारों और विक्रेताओं को बोली लगाई जा सकती है और इस सत्र में प्रदर्शन किया जा सकता है। ट्रांजैक्शन को तय मूल्य पर पूरा किया जाना चाहिए, भले ही ओपनिंग मार्केट प्राइस में कोई बदलाव न हो।

शेयर बाज़ार के खुलने और बंद होने का कुल समय नीचे दी गई तालिका में दिया गया है।

क्रम संख्या नाम समय
1 प्री-ओपनिंग सत्र 9:00 से 9:15 पूर्वाह्न
2 सामान्य सत्र 9:15 से 3:30 अपराह्न
3 समापन सत्र 3:30 से 4:00 बजे तक

आफ्टरमार्केट ऑर्डर

इस समझना चाहिए कि तय समय सीमा बीत जाने के बाद कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता है। लेकिन निवेशक उन विशिष्ट कंपनियों की अपनी चुनी हुई सिक्योरिटी के लिए आफ्टरमार्केट ऑर्डर दे सकते हैं जिन्हें अगले दिन ओपनिंग मार्केट प्राइस पर आवंटित किया जाएगा। भारतीय शेयर बाज़ार का सत्र आम तौर पर दीवाली के दिन किसी भी तरह के ट्रांजैक्शन के लिए बंद रहता है क्योंकि यह एक धार्मिक त्योहार है और पूरे देश में मनाया जाता है। हर साल दिवाली के मौके पर बाज़ार एक घंटे के लिए खुला रहता है। एक ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया जाता है क्योंकि इसे विशेषज्ञ शुभ मानते हैं।

निष्कर्ष

हमने व्यापक स्तर पर भारत में शेयर बाज़ार के समय पर गौर किया है। हालांकि, यदि आप शेयर बाज़ार में नए या पुराने निवेशक हैं, तो सैमको सिक्योरिटीजआपकी हर संभव मदद करने के लिए आपके साथ है। यदि आप निवेशक हैं तो अब आप मुफ्त डीमैट खाता खोल सकते हैं (डीमैट खाता मुफ्त में खोलें) या एक्सेस कर सकते हैं। तो, और इंतजार क्यों करें जब सैमको सिक्योरिटीज में ट्रेडिंग के बेशुमार मौके आपके इंतज़ार में हैं।