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- शेयरों में लंबी अवधि के लिए निवेश कैसे करें
- भारत में अभी खरीदने के लिए सर्वोत्तम दीर्घकालिक शेयरों की सूची
- विस्तृत प्रोफाइल, मॉडल पोर्टफोलियो में शेयरों के पक्ष और विपक्ष
- सर्वोत्तम दीर्घकालिक शेयरों का विस्तृत अवलोकन
- सर्वोत्तम दीर्घकालिक स्टॉक कैसे चुनें, यह समझने के लिए यह वीडियो देखें
- सर्वश्रेष्ठ दीर्घकालिक शेयरों का एक मॉडल पोर्टफोलियो
- सर्वोत्तम लंबी अवधि के शेयरों को खरीदने के लिए विभिन्न मापदंडों के साथ विस्तृत तालिका
भारत में अभी खरीदने के लिए दीर्घकालीन स्टॉक्स की सूची
क्र. सं. | कंपनी का नाम | एनएसइ कोड | बीएसई कोड | सीएमपी (26 Dec 22) | रेटिंग्स |
1 | टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज | टीसीएस | 532540 | ₹ 3,253 | 5 |
2 | आयसीआयसीआय बँक | आयसीआयसीआयबँक | 532174 | ₹ 892 | 4 |
3 | बजाज फाइनेंस | बजफायनान्स | 500034 | ₹ 6,434 | 5 |
4 | गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स | गोदरेजसीपी | 532424 | ₹ 878 | 3 |
5 | आयटीसी | आयटीसी | 500875 | ₹ 335 | 4.5 |
6 | कैप्लिन पॉइंट लैब्स | कॅपलीपॉईंट | 524742 | ₹ 707 | 3 |
7 | मारिको | मारिको | 531642 | ₹ 518 | 4.5 |
8 | अवंती फीड्स | अवंतीफीड | 512573 | ₹ 385 | 2 |
9 | एचसीएल टेकनॉलॉजिज | एचसीएलटेक | 532281 | ₹ 1,032 | 4 |
10 | बजाज ऑटो | बजाजऑटो | 532977 | ₹ 3,557 | 5 |
11 | केइआय इंडस्ट्रीज | केइआय | 517569 | ₹ 1,489 | 0.5 |
12 | पॉलीकैब इंडिया | पॉलिकैब | 542652 | ₹ 2,587 | 3 |
13 | कोरोमंडल इंटरनेशनल | कोरोमंडल | 506395 | ₹ 873 | 3 |
14 | एमफसिस | एमफसिस | 526299 | ₹ 1,916 | 3 |
15 | एलेम्बिक फार्मा | एपीएलएलटीडी | 533573 | ₹ 582 | 0.5 |
16 | ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर | ओएफएसएस | 532466 | ₹ 3,004 | 4 |
17 | टाटा एलेक्सी | टाटाएलक्सी | 500408 | ₹ 6,257 | 3 |
18 | डिक्सन टेक्नोलॉजीज | डिक्सन | 540699 | ₹ 3,829 | 2 |
19 | हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स | एचएएल | 541154 | ₹ 2,527 | 0.5 |
20 | एपीएल अपोलो ट्युब्स | एपीएलअपोलो | 533758 | ₹ 1,059 | 3 |
मॉडल पोर्टफोलियो में स्टॉक्स की विस्तृत प्रोफाइल, खूबियाँ, और खामियां
कंपनी के क्षेत्र/उद्योग खंड का आकलन करें
एक निवेशक को सबसे पहले कंपनी के उस क्षेत्र पर नजर डालनी चाहिए जिस क्षेत्र में वह फ़िलहाल अपना व्यवसाय करती है। यह समझना जरूरी है क्योंकि बहुत अच्छी वृद्धि की सम्भावना वाले क्षेत्र से अधिक मूल्यमान वृद्धि का लाभ मिल सकता है। बहुत अच्छी वृद्धि की सम्भावना तब पैदा हो सकती है जब बाजार में विस्तार करने या और अन्दर तक पहुँचने या दोनों की गुंजाइश होती है। यदि वह क्षेत्र, समय के साथ विस्तार होने के कारण कीमत बढ़ोत्तरी के लिए और ज्यादा स्थान भी प्रदान करता है तो उससे कंपनियों को और ज्यादा लाभ होगा। एक निवेशक को आगे बढ़ने के अवसरों और उस मार्ग में आ सकने वाली बाधाओं का पता लगाने के लिए उस क्षेत्र के भागीदारों की संख्या और प्रतिस्पर्धा की तीव्रता का भी आकलन करना चाहिए। कुछ ऐसे उद्योग भी हैं जहाँ प्रवेश करने के लिए बहुत कम बाधाओं का सामना करना पड़ता है जहाँ एक व्यवसाय स्थापित करना और प्रतिस्पर्धा करना आसान होता है। यदि उद्योग का आकार इतना बड़ा है कि उसमें अधिक वृद्धि की सम्भावना है तो वहां एक साथ कई कम्पनियाँ लाभान्वित हो सकती हैं। इसका एक उदाहरण है, FMCG उद्योग जहाँ कई सारे प्रतिस्पर्धी, तरह-तरह के उत्पाद प्रदान करते हैं लेकिन फिर भी वहां भेदन और विस्तार की गुंजाइश इतनी अधिक है कि वहां एक साथ कई कम्पनियाँ लाभान्वित हो सकती हैं। दूसरी तरफ, एक परिपक्व और कम वृद्धि वाले उद्योग में, बहुत कम संख्या में मौजूद कम्पनियाँ अपने प्रतिस्पर्धियों की लाभप्रदता पर बहुत बड़ा असर डाल सकती हैं।मूल्यमान प्रदान करने की क्षमता वाला उद्योग
बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी उद्योगों की कंपनियों को अपने लाभ मार्जिन पर बहुत ज्यादा दबाव का अनुभव होगा। इसलिए, उन कंपनियों की तलाश करना, ज्यादा पसंदीदा विकल्प है जो आगे बढ़कर उस क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों में से एक बन सकती हैं, उस क्षेत्र में बहुत अच्छी तरह काम कर सकती हैं और प्रतिस्पर्धा के बावजूद मजबूत वित्तीय परिणाम दे सकती हैं। इसके अलावा, उन कंपनियों की तलाश करें जिनके बढ़ने की सम्भावना, कम वृद्धि वाले क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला को आगे बढ़ाने के रूप में मौजूद हो। उदाहरण के लिए: दूरसंचार कंपनियां, जो वॉयस सेवा प्रदान करते-करते अब डेटा और संबंधित सेवाएं भी प्रदान करने लगी हैं, उन्होंने सिर्फ एक नई राजस्व धारा का सृजन ही नहीं किया है, बल्कि सम्पूर्ण क्षेत्र और कई अन्य अवसरों का भी विस्तार किया है। ऐसी कंपनियां ढूंढें जो उस क्षेत्र की अन्य कंपनियों की तुलना में स्थिर प्रतिस्पर्धी लाभ का निर्माण करने में सक्षम हैं। अधिक वृद्धि वाले उद्योगों की कंपनियों के बढ़ने की सम्भावना, परिपक्व उद्योगों की तुलना में अधिक हो सकती है। अंत में, व्यक्ति को इस बात पर जरूर गौर करना चाहिए कि विशाल अवसर वाले उद्योग में अधिक प्रतिस्पर्धा होने की भी सम्भावना रहती है। उपलब्ध अवसरों का पता लगाने के लिए उद्योग सम्भावना और प्रतिस्पर्धी तीव्रता जैसे दो विरोधी कारकों के बीच के संतुलन का आकलन करना जरूरी है।विनियमन और निर्भरता का स्तर
निवेशकों को एक निर्दिष्ट क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले विनियमन के स्तर की जांच करनी चाहिए। विनियमन का मुख्य कारण, कंपनी के हितों की तुलना में उपभोक्ता और सरकार के हितों की रक्षा करना है। इससे मूल्यमान में कमी आती है क्योंकि कंपनी को मिलने वाला लाभ, उपभोक्ता और सरकार को मिल जाता है जिससे कंपनी के शेयरधारकों के लिए बहुत काम लाभ बचता है। इसका एक उदारहण, भारत का कोयला उद्योगहै। इस उद्योग को खनन और मूल्य निर्धारण से संबंधित भारी विनियमन का सामना करना पड़ा और सिर्फ कोल इंडियाको खनन अधिकार दिए जाने के कारण इस पर सिर्फ एक कंपनी का अधिकार था। इसका एक और उदाहरण हैं, पॉवर यूटिलिटी कंपनियां, जिनका विनियमन सरकार द्वारा किया जाता है। ये कम्पनियाँ, निर्धारित सीमा से अधिक रिटर्न नहीं कमा सकती हैं। भारत में उपभोक्ता वस्तुएं, मोटर वाहन, पेंट्स और बिजली के सामान जैसी चीजों को आसानी से बनाया और बेचा जा सकता है क्योंकि इन पर सरकार का बहुत ज्यादा विनियमन नहीं है। नियामक प्रभाव जितना अधिक होता है, नियामक जोखिम भी उतना ही अधिक होता है जैसे व्यवसायों के राजस्व और लाभ, कुछ हद तक, सरकार के नियंत्रण में होते हैं और मूल्य सृजन और वृद्धि को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं।आर्थिक चक्र पर निर्भरता
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था, चक्रों में चलती है जो अन्य सभी उद्योग चक्रों का मिलाजुला रूप होता है। GDP बढ़ने पर, उत्पादन, रोजगार और उपभोक्ताओं की आय भी बढ़ जाती है जिससे उत्पादों की मांग में वृद्धि होती है। इसी तरह, जब GDP की वृद्धि धीमी या मंद पड़ जाती है तब उसके परिणामस्वरूप उत्पादन, रोजगार और आय भी कम हो जाती है। एयरलाइन्स, सीमेंट, धातु, इन्फ्रास्ट्रक्चर, हाउसिंग, बैंकिंग और फाइनेंसजैसे क्षेत्र, चक्रीय उद्योगों के उदाहरण हैं। उपभोक्ता वस्तुएं, सूचना प्रौद्योगिकीऔर औषधिजैसे उद्योग, तुलनात्मक रूप से आर्थिक चक्रों से बचे होते हैं जिससे वे एक उद्योग के लिए अधोमुखी चक्र के तनाव से होने वाले नुकसान से भी बच जाते हैं। आर्थिक चक्रों पर उनके सापेक्ष प्रतिरोध की दृष्टि से, ये क्षेत्र, अपेक्षाकृत अधिक स्थिर वित्तीय प्रदर्शक होते हैं और निवेशक आम तौर पर अपनी स्थिरता के लिए इन कंपनियों को प्रीमियम वैलुएशन देने के लिए इच्छुक होते हैं। आर्थिक चक्रों पर कम निर्भरता का मतलब यह भी है कि अर्थव्यवस्था में मंदी आने पर इन कंपनियों को तनाव का सामना नहीं करना पड़ता है और इससे ऐसी कंपनियों के पोर्टफोलियो को थोड़ी सुरक्षा मिल जाती है।शेयरधारकों के लिए रिटर्न जनरेशन
इस पहलू का आकलन करने के लिए, निवेशक को रिटर्न जनरेशन के साथ-साथ कमाई की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए कुछ अनुपातों की गणना करनी चाहिए। एक ऐसा ही अनुपात है, ROCE जिससे संकेत मिलता है कि कंपनी अपनी पूँजी और उस पर मिलने वाले रिटर्न का इस्तेमाल कितनी कार्य कुशलता से करती है। यह अनुपात एक अच्छा संकेतक होने के बावजूद, इसका इस्तेमाल, कंपनी को मिलने वाले शुद्ध रिटर्न का पता लगाने के लिए, पूँजी की लागत के साथ करना चाहिए। गौर करने लायक एक और अनुपात है, ROE जिससे निवेशक को पता चलता है कि लाभ का कितना हिस्सा, शेयरधारक को मिल सकता है और कंपनी का मूल्य कितनी तेजी से बढ़ता है। इस अनुपात का आकलन, इक्विटी की लागत के साथ करना होता है। COE के मुकाबले ROE जितना अधिक होता है उतना बेहतर परिणाम मिलता है। इसके अलावा संचालन नकदी प्रवाह/EBITDA का भी आकलन करें जिससे निवेशकों को कंपनी की संचालन लाभ को संचालन नकदी प्रवाह में बदलने की क्षमता के बारे में पता चलता है। कम अनुपात, आक्रामक राजस्व पहचान प्रक्रियाओं का संकेतक हो सकता है।प्रबंधन गुणवत्ता
एक व्यवसाय के प्रबंधन की गुणवत्ता, उसके मूल्यांकन के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। कार्य कुशल प्रबंधन टीमें सिर्फ एक उद्योग के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों को ही नहीं देखेंगी और उनसे बाहर ही नहीं निकलेंगी, बल्कि अपने व्यावसायिक मॉडलों को अधिक आकर्षक उद्योगों में भी बदलेंगी और अधिक मूल्य वृद्धि वाला व्यवसाय भी बनाएंगी। आकलन करें कि निर्देशक मंडल और प्रबंधन, एक दूसरे से अलग होते हैं क्योंकि BOD, कंपनी के बड़े निर्णयों के लिए जिम्मेदार होते हैं जिस समय प्रबंधन, दैनिक गतिविधियों में व्यस्त रहता है। इसलिए, एक कंपनी को चलाने की प्रक्रिया में, बोर्ड, प्रमोटर्स, प्रबंधन, अल्पसंख्यक शेयरधारक, लेखापरीक्षकों के साथ-साथ अन्य हितधारकों के बीच के संबंधों और हितों को संतुलित करना शामिल है। इस संतुलन को कार्यकुशल तरीके से संभालना, कॉर्पोरेट शासन की मजबूती का संकेत है। कॉर्पोरेट शासन का मानक जितना ऊंचा और बेहतर होता है, कंपनी के अल्पसंख्या हितधारकों की उतनी बेहतर सुरक्षा होती है और यह आश्वासन मिल सकता है कि प्रबंधन, शेयरधारकों के लाभ के लिए काम करेगा। वार्षिक रिपोर्ट को पढ़कर इसे निर्धारित किया जा सकता है। निवेशकों द्वारा आकलन करने के लिए कई अन्य कारक मौजूद होने के बावजूद, उपरोक्त कारक ही दीर्घकालिक धन निर्माताओं का आकलन करने और पता लगाने वाले मुख्य कारक हैं।सबसे अच्छे दीर्घकालीन स्टॉक्स का विस्तृत अवलोकन
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस)
IT क्षेत्र, लम्बे समय से एक विजेता रहा है और महामारी के बाद के युग का हीरो बनने के बाद इस क्षेत्र में पिछले दो-चार महीनों में बहुत अच्छा सुधार हुआ है जिससे यह प्रवेश के लिए कई गुना कमाई कराने वाला अच्छा क्षेत्र बन गया है। उनमें से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) अभी एक बहुत आकर्षक शेयर है। TCS का बेहतर निष्पादन मेट्रिक्स, सम्पूर्ण स्टैक पोर्टफोलियो (वर्टिकल्स में बेहतर डील काउंट) और उद्योग चालक (E&U और यात्रा एवं आतिथ्य उप-वर्टिकल्स में अपटिक) ये सब, विकास का समर्थन करेंगे। औसत ऑर्डर बुक आकार, FY 2021 में 6-7 बिलियन US डॉलर से बढ़कर, FY 2022 में 7-8 बिलियन US डॉलर तक पहुँच गया है। मुख्य ऑर्डर बुक आकार, प्रति वर्ष बढ़ रहा है जिसमें कभी-कभी होने वाली मेगा डील शामिल नहीं है। सतत दीर्घकालीन वृद्धि के लिए अधिक मूल्य संलग्नता के साथ राजस्व की गुणवत्ता बढ़ती रहती है। संचालन मार्जिन, 26.6% पर पहुँच गया जो इस समूह में सबसे अधिक है। इसका RoCE, 54.9% और RoE, 43.6% है। इसके अलावा, इसका 5-वर्षीय राजस्व और लाभ CAGR, क्रमशः 10% और 8% हैं। उपयोग, संचालन और प्राप्ति में सुधार, उप-अनुबंध खर्चों में कमी, और संघर्षण में गिरावट कुछ ऐसे प्रमुख कारक हैं जो कम समय में मार्जिन बढ़ाने में मदद करेंगे। मौजूदा वैश्विक स्थूल-आर्थिक और पार-मुद्रा सम्बन्धी विपरीत परिस्थितियों के कारण पैदा होने वाली घबराहट, कंपनी के लिए एक मुख्य जोखिम बनी हुई है।आईसीआईसीआई बैंक
ICICI बैंक, भारत के शीर्ष निजी क्षेत्रीय बैंकों में से एक है। 31 मार्च 2022 तक, बैंक की समेकित कुल परिसंपत्ति, 17.5 लाख करोड़ रु. थी। भारत में इस बैंक की 5,418 शाखाएं और 13,626 ATM हैं। अक्टूबर 2018 में श्री संदीप बक्शी के शामिल होने के बाद इस बैंक का रूपांतरण होने लगा है। बैंक ने अपनी हामीदारी प्रक्रियाओं में काफी सुधार कर लिया है और उसकी सुधारकारी परिसंपत्ति गुणवत्ता समस्याओं से इसका साफ़ पता चलता है। बैंक का GNPA, FY18 में 8.84% हो गया और अब FY22 में यह 3.8% है। ICICI बैंक ने पिछले 6 वर्ष में अपने आपको एक कॉर्पोरेट केन्द्रित बैंक से एक रिटेल बैंक में बदल लिया है। इसके परिणामस्वरूप एक सतत कम जोखिम और अधिक प्रतिफल वाला लेंडिंग बुक प्राप्त होगा। बैंक का रिटेल शेयर, FY22 में 62% हो गया जो FY13 में 37% था। बैंक के ऋण मिश्रण में परिवर्तन और उसके गैर-प्रदर्शनकारी परिसंपत्तियों में लगातार गिरावट के कारण बैंक के शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले तीन वर्षों में, बैंक का NIM, 3.19% से बढ़कर 4% हो गया। इसके परिणामस्वरूप इसका इक्विटी पर रिटर्न (ROE) बढ़कर 15% हो गया है जो FY21 में 8.8% था। ऋण उद्योग में FY22 में 9.6% की दर से वृद्धि होने के कारण बैंकिंग क्षेत्र में सुधार होने लगा है। भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक होने के कारण ICICI बैंक इस बढ़ती मांग का एक प्रमुख लाभार्थी होने वाला है। FY22 में इसकी 18% की मजबूत ऋण वृद्धि में यह साफ़ दिखाई दे रहा था। बैंक के मजबूत परिसंपत्ति गुणवत्ता सुधार, धीरे-धीरे रिटेल बुक पर ध्यान वृद्धि और मजबूत मुख्य संचालन लाभ के कारण अगले दो-चार वर्षों में कमाई में अच्छी वृद्धि होनी चाहिए। हालाँकि, परिसंपत्ति सम्बन्धी गुणवत्ता को बनाए रखना, लम्बे समय में एक स्तम्भ साबित होगा।बजाज फाइनेंस
NBFC क्षेत्र मुख्य रूप से उधार गतिविधियों जैसे उपभोक्ता ऋण, स्वर्ण ऋण, व्यक्तिगत ऋण, इत्यादि पर जोर देता है लेकिन ये बैंकों से अलग होते हैं क्योंकि वे लोगों से पैसे जमा नहीं लेते हैं। ये कम्पनियाँ, एक संस्थान से पैसे उधार लेकर, उपभोक्ताओं को देती हैं जिससे इनकी कमाई, उधार लेने-देने के बीच में बचने वाले ब्याज से होती है। इस खंड में तेज वृद्धि दिखाई दे रही है क्योंकि देश में डिस्पोजेबल आय में वृद्धि हो रही है और भारतीय, उपभोक्तावाद की तरफ बढ़ रहे हैं। बजाज फाइनेंस मुख्य रूप से उपभोक्ता उधारी क्षेत्र में काम करता है जहाँ यह व्यक्तिगत उपभोग प्रयोजनों के लिए उपभोक्ता ऋण देता है। इसलिए देश भर में कंपनी का मजबूत नेटवर्क होने के कारण, तेज गति से उनके उधार की स्वीकृति और भेदन के कारण, कंपनी में बड़ी तेजी से वृद्धि हो रही है। बजाज फाइनेंस ने एक विविध उत्पाद मिश्रण, मजबूत परिमाण वृद्धि, विवेकपूर्ण देनदारी प्रबंधन, कार्यकुशल संचालन लागत और प्रभावी जोखिम प्रबंधन की मदद से बहुत बढ़िया काम करके दिखाया है। FY22 में 146,743 करोड़ रु. के स्टैंडअलोन AUM और 197,452 करोड़ के समेकित AUM के साथ, आज यह कंपनी, देश में प्रमुख विविध NBFC कंपनियों में से एक बन गई है। वित्तीय दृष्टि से कंपनी ने पिछले 5 वर्ष में 30.8% CAGR की दर से शुद्ध लाभ में बहुत बढ़िया वृद्धि दर्ज करते हुए 17.7% का ROE प्रदान किया है। इसने उसी अवधि में एक समेकित आधार पर 24.41% CAGR पर AUM में भी बहुत बढ़िया वृद्धि दर्ज की है। बहुत बढ़िया लाभ और AUM वृद्धि के बावजूद इसने उद्योग में सबसे पहले FY22 (समेकित) के लिए सिर्फ 0.68% का कम शुद्ध NPA दर्ज करके बुक की गुणवत्ता को बनाए रखा है जिससे संकेत मिलता है कि ऋण बुक अभी भी मजबूत है। बजाज फाइनेंस, परिसंपत्तियों की तुलना में देनदारियों को लंबी अवधि तक बनाए रखने की रणनीति अपनाता है और बैंकों, मनी मार्केट, बाहरी वाणिज्यिक उधार और जमा के बीच उधार के एक बढ़िया मिश्रण का इस्तेमाल करता है जिससे कंपनी को अपनी शुद्ध ब्याज आय (NII) को प्रभावी रूप से बढ़ाते हुए 35% CAGR (15 वर्ष) तक ले जाने में मदद मिली है। कंपनी को ग्राहकों की तरफ से चूक के मामले में जोखिम का सामना करना पड़ता है जिससे कंपनी की AUM गुणवत्ता खराब हो जाती है। ब्याज दर चक्र गति के कारण एक और जोखिम का सामना करना पड़ सकता है जिससे कंपनी के NIM और उसके परिणामस्वरूप अर्जित आय पर असर पड़ सकता है। निवेशकों को कंपनी के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए ब्याज दर की प्रकृति के साथ-साथ समग्र आर्थिक स्थिति का भी सावधानीपूर्वक निरीक्षण करना चाहिए।गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल)
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL), 125 वर्ष से अधिक पुराने गोदरेज ग्रुप का हिस्सा है। इसका पोर्टफोलियो और विरासत का लोकतंत्रीकरण हो गया है, और इसकी रणनीति इसी पर टिकी हुई है- सुलभ मूल्य बिंदुओं पर अद्भुत गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराना। GCPL के भौगोलिक पदचिन्हों में दुनिया की कुछ सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। लेकिन, इन देशों में इसकी शीर्ष श्रेणियां, जैसे, घरेलू कीटनाशक, हवा की देखभाल, और बालों का रंग, अविकसित हैं, जिनमें विकास होने की काफी सम्भावना है। यह कंपनी इसे श्रेणी विकास के लिए अपनी विजयी रणनीतियों का इस्तेमाल करके मूल्य निर्माण के एक विशाल अवसर के रूप में देखती है। इस श्रेणी के लीडर्स के रूप में, नवाचार-आधारित विकास को गति देने और अपनी श्रेणियों को बाधित करने के नए तरीके खोजने की रणनीति अपनाई जा रही है। नए MDऔर CEO श्री सुधीर सीतापति द्वारा अपनाए गए नए रणनीतिक स्तंभ और दर्शन से कंपनी की अविश्वसनीय क्षमता के उजागर होने और उसे विकास के अगले चरण में ले जाने की उम्मीद पैदा हो गई है। उनकी रणनीतिक स्पष्टता और उत्कृष्ट निष्पादन क्षमताओं के कारण कंपनी पर पहले ही सकारात्मक प्रभाव पड़ने लगा है। फिर से परिमाण में वृद्धि लाना ही इसकी सबसे पहली प्राथमिकता है। GCPL, घरेलू कीटनाशकों और अपने इंडोनेशिया व्यवसाय के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करेगी और अफ्रीका में लाभप्रदता और शासन को लक्षित किया जाएगा। कंपनी की नई रणनीति का इस्तेमाल होते ही, इसके घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय में बदलाव का अनुभव होने के साथ-साथ इसकी वित्तीय स्थिति में भी सुधार होने की संभावना है। व्यवसाय ने मध्यम अवधि में दो अंकों में परिमाण वृद्धि की महत्वाकांक्षा को पूरा करने की स्पष्ट योजना बनाई है। हालांकि, प्रतिस्पर्धी बाजार की स्थिति और बाजार में प्रवेश करने वाली नई कंपनियों के कारण एक आक्रामक उत्पाद मूल्य निर्धारण रणनीति का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। इसके अलावा, यह कंपनी, कच्चे माल की कीमत में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील बनी हुई है।आईटीसी लिमिटेड
ITC कई उपभोक्ता व्यवसायों में संलग्न हैं जिसमें सिगरेट से लेकर खाद्य उत्पाद और लेखन सामग्रियां तक बहुत कुछ शामिल है। कंपनी को अपने राजस्व का लगभग 43% हिस्सा, सिगरेट की बिक्री से प्राप्त होता है और बाजार में इसकी सबसे बड़ी हिस्सेदारी सिगरेट में ही है (भारत में 75% से अधिक बाजार हिस्सेदारी)। सिगरेट बाजार में वृद्धि के अवसर हैं क्योंकि यह बाजार एक असंगठित खंड से एक संगठित खंड की तरफ बढ़ने लगा है जिससे बाजार का समेकन होगा और ITC को बाजार में इस हिस्सेदारी से बहुत लाभ होगा। भारत, दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है जहाँ कानूनी सिगरेट में भारत में कुल तंबाकू खपत का सिर्फ 8% हिस्सा शामिल है जबकि इसका वैश्विक औसत 90% है जिससे इस क्षेत्र में अपार विकास के अवसरों का संकेत मिलता है। इसका दूसरा सबसे बड़ा खंड, FMCG है जहां कंपनी, सबसे अधिक राजस्व प्राप्त करने की कोशिश कर रही है और यह इसका सबसे बड़ा विकास खंड बन गया है। HUL, नेस्ले, और ब्रिटानिया जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के बावजूद ITC, बड़ी तेजी से विस्तार कर रहा है। दीर्घकालीन संरचनात्मक विकास चालक जैसे पेशेवर रूप से प्रबंधित टीमें, बढ़ती डिस्पोजेबल आय और उपभोक्ता जागरूकता, उपभोक्ता वस्तुओं के भेदन का निम्न स्तर, अनुकूल जनसांख्यिकी और बढ़ता शहरीकरण, इत्यादि मजबूत स्थिति में हैं जो FMCG उद्योग के लिए एक अच्छा संकेत है। कंपनी द्वारा बेचे जाने वाले अन्य उत्पादों में कृषि उत्पाद, कागजी उत्पाद और IT समाधान शामिल हैं। कंपनी ने पिछले 5 वर्षों में लगातार 8% और 7% CAGR की दर से लाभ और राजस्व में वृद्धि करके मजबूत संचालन प्रदर्शन का सबूत दिया है और इसने 5 वर्ष में औसत 23% का ROE और इसी अवधि में ~33% का ROCE प्रदान किया है। यह निवेशकों को 3.46% का मजबूत लाभांश प्रतिफल भी प्रदान करता है लेकिन, इस कंपनी को सिगरेट उद्योग के लिए विनियमन सम्बन्धी जोखिम का भी सामना करना पड़ता है जिससे ITC के लिए मूल्य निर्धारण शक्ति पर असर पड़ सकता है जिससे राजस्व और वृद्धि पर भी असर पड़ सकता है। एक अन्य जोखिम इसके प्रतिस्पर्धी हैं क्योंकि इस उद्योग में बड़ी प्रतिस्पर्धा होती है, इसलिए कंपनी को बड़े सक्रिय तरीके से अपनी रणनीति का इस्तेमाल करना चाहिए।सबसे अच्छे दीर्घकालीन स्टॉक्स कैसे चुनना चाहिए, यह समझने के लिए यह वीडियो देखें\
सबसे अच्छे दीर्घकालीन स्टॉक्स का मॉडल पोर्टफोलियो
लंबी अवधि के लिए सबसे अच्छे शेयरों में निवेश करने के लिए, आपको 15 सितंबर 2022 तक के अनुसार निम्नलिखित पोर्टफोलियो के लिए कुल मिलाकर 53,803 रु. की जरूरत पड़ेगी। आप भारत के प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकरेज SAMCO की मदद से भारत के सबसे अच्छे लार्ज कैप शेयरों की लाइव कीमतों की जांच कर सकते हैं और उन्हें ट्रेड कर सकते हैं। आज ही एक मुफ्त डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलें!कंपनी का नाम | वेटेज | CMP (26 दिसंबर 22) | स्टॉक्स की संख्या | धनराशि |
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज | 23% | ₹ 3,253 | 4 | 13,012 |
आयसीआयसीआय बँक | 20% | ₹ 892 | 13 | 11,596 |
बजाज फाइनेंस | 34% | ₹ 6,434 | 3 | 19,302 |
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स | 11% | ₹ 878 | 7 | 6,146 |
आयटीसी | 13% | ₹ 335 | 22 | 7,370 |
खरीदने के लिए सबसे अच्छे दीर्घकालीन स्टॉक्स: विभिन्न मापदंडों के साथ एक विस्तृत टेबल
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1 | टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज | टीसीएस | 532540 | ₹3,253 | IT परामर्श और सॉफ्टवेयर | 5 | 1,190,640 | 97,454 | 30.1 | 26.6 | 43.6 | 54.9 | 10.2 | 7.83 | 0.08 | 12.2 | 5.74 |
2 | आयसीआयसीआय बँक | आयसीआयसीआयबँक | 532174 | ₹ 892 | बैंक्स | 4 | 622,363 | 181,790 | 21 | 20.7 | 14.8 | 5.59 | 9.38 | 19.8 | 6.89 | 3.41 | 5.97 |
3 | बजाज फाइनेंस | बजफायनान्स | 500034 | ₹6,434 | वित्त (एनबीएफसी सहित) | 5 | 389,836 | 48,043 | 39.3 | 67.4 | 17.5 | 10.3 | 26 | 30.9 | 3.81 | 8.11 | 10.7 |
4 | गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स | गोदरेजसीपी | 532424 | ₹878 | व्यक्तिगत उत्पाद | 3 | 89,685 | 12,678 | 55.4 | 17.2 | 17 | 18.5 | 5.78 | 6.59 | 0.09 | 7.08 | 7.04 |
5 | आयटीसी | आयटीसी | 500875 | ₹335 | सिगरेट और एफएमसीजी | 4.5 | 415,699 | 65,623 | 24.1 | 34 | 24.8 | 33.6 | 7.23 | 8.3 | 0 | 6.32 | 6 |
6 | कैप्लिन पॉइंट लैब्स | कॅपलीपॉईंट | 524742 | ₹707 | फार्मास्युटिकल्स | 3 | 5,352 | 1,686 | 16.2 | 29.8 | 22.4 | 28.7 | 25.9 | 25.6 | 0 | 3.18 | 3.9 |
7 | मारिको | मारिको | 531642 | ₹518 | व्यक्तिगत उत्पाद | 4.5 | 67,030 | 3,753 | 54.4 | 18.1 | 36.6 | 42.7 | 9.96 | 9.94 | 0.14 | 17.8 | 6.97 |
8 | अवंती फीड्स | अवंतीफीड | 512573 | ₹385 | अन्य खाद्य उत्पाद | 2 | 5,252 | 1,929 | 20.6 | 6.75 | 11.7 | 17.3 | 14 | -0.06 | 0 | 2.73 | 0.99 |
9 | एचसीएल टेकनॉलॉजिज | एचसीएलटेक | 532281 | ₹1,032 | आयटी परामर्श | 4 | 279,928 | 61,241 | 20.3 | 22.4 | 22 | 25.4 | 12.5 | 9.36 | 0.11 | 4.57 | 3.01 |
10 | बजाज ऑटो | बजाजऑटो | 532977 | ₹3,557 | 2 और 3 पहिया वाहन | 5 | 102,871 | 26,036 | 18.4 | 16.4 | 19 | 23.4 | 8.79 | 5.87 | 0 | 3.95 | 2.92 |
11 | केइआय इंडस्ट्रीज | केइआय | 517569 | ₹1,489 | विद्युत् उपकरण और उत्पाद | 0.5 | 13,438 | 2,344 | 31.4 | 9.94 | 19.2 | 23.8 | 16.8 | 32 | 0.08 | 5.73 | 2.06 |
12 | पॉलीकैब इंडिया | पॉलिकैब | 542652 | ₹2,587 | विद्युत् उपकरण और उत्पाद | 3 | 38,757 | 5,833 | 34.5 | 11.7 | 17.3 | 22.5 | 17.3 | 30.8 | 0.02 | 6.63 | 2.89 |
13 | कोरोमंडल इंटरनेशनल | कोरोमंडल | 506395 | ₹873 | उर्वरक | 3 | 25,621 | 7,425 | 13.4 | 10.6 | 26.6 | 34.7 | 13.8 | 26.4 | 0.22 | 3.45 | 1.02 |
14 | एमफसिस | एमफसिस | 526299 | ₹1,916 | IT परामर्श | 3 | 36,194 | 6,977 | 23.1 | 17.6 | 21.2 | 27.4 | 14.5 | 12.3 | 0.15 | 5.17 | 2.71 |
15 | एलेम्बिक फार्मा | एपीएलएलटीडी | 533573 | ₹582 | दवा | 0.5 | 11,400 | 5,120 | 42.8 | 12 | 10.1 | 10.9 | 11.3 | 5.13 | 0.15 | 2.23 | 2.1 |
16 | ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर | ओएफएसएस | 532466 | ₹3,004 | आयटी परामर्श | 4 | 25,974 | 6,433 | 14.4 | 44.2 | 27.1 | 36 | 3.36 | 9.07 | 0.01 | 4.03 | 4.88 |
17 | टाटा एलेक्सी | टाटाएलक्सी | 500408 | ₹6,257 | आयटी सॉफ्टवेयर | 3 | 38,964 | 1,692 | 58.2 | 32 | 37.2 | 47.7 | 14.8 | 25.9 | 0.11 | 23 | 13.9 |
18 | डिक्सन टेक्नोलॉजीज | डिक्सन | 540699 | ₹3,829 | उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स | 2 | 22,820 | 1,112 | 98.4 | 3.65 | 21.9 | 22.5 | 34.2 | 31.7 | 0.37 | 20.4 | 1.79 |
19 | हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स | एचएएल | 541154 | ₹2,527 | एयरोस्पेस | 0.5 | 84,515 | 20,852 | 14.4 | 24.3 | 29.4 | 30.5 | 6.52 | 14.2 | 0 | 4.05 | 3.22 |
20 | एपीएल अपोलो ट्युब्स | एपीएलअपोलो | 533758 | ₹1,059 | लौह इस्पात | 3 | 29,373 | 2,634 | 53.4 | 6.02 | 28.2 | 34.7 | 27.2 | 29.7 | 0.36 | 10.1 | 1.98 |
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